Customer Review for Dr. Dhruv Ayurveda Clinic

लगभग 10 वर्ष पूर्व मेरी पत्नी को फेशियल पेन शुरू हुआ था शुरुआत में ब्रुश करने व खाने में दिक्कत थी। कुछ दिन बाद में दर्द इतना बढ़ गया की सांस लेना भी मुश्किल जैसा हो गया, बात करना तो बहुत दूर की बात थी। एलोपैथिक पेन किलर देकर किसी प्रकार दूध या अन्य तरल पदार्थ बड़ी मुश्किल से दिया दिया जा रहा था। लखनऊ के एक प्रसिद्ध न्यूरोफिजिशियन को दिखाया, उनसे जो दवाइयां मिलीं उस दवाओं ने पत्नी को महीनों बेहोश सुलाया। छोटे बच्चे को सोने पर जैसे दूध पिला दिया जाता उसी प्रकार हमने उन्हें तरल पिलाकर जिंदा रखा। मेरी पत्नी बहुत मज़बूत इरादे वाली स्त्री है, नकारात्मक विचारों में कहीं छू कर भी नहीं गई। किंतु इस दर्द ने उन्हें भी कई बार यह सोचने पर विवश कर दिया कि ऐसे जीवन का क्या लाभ है। चार-पांच माह एलोपैथिक दवा करने बाद उनका दर्द कम हुआ।

चिकित्सक का कहना था कि 5 से 7 वर्ष दवा देनी होगी उस पर भी गारंटी नहीं है, फिर दर्द का अटैक हो सकता है। यह ट्राईजेमाईनल न्यूरैलजिया का दर्द है जो कि एक प्रकार से लाइलाज है। जिनको होता है उनमें से कभी किसी को दवा से या कभी किसी को ऑपरेशन से लाभ मिल जाता है। हमें पता था की पत्नी को अब इसी दर्द के साथ जीना है। 6 वर्ष दवा लेने के बाद दवा बंद कर दी। 3 माह होने के बाद अचानक वही दर्द फिर से उभर आया। फिर वही सारी परेशानियां, जिंदगी अस्त-व्यस्त होकर रह गई । किसी ने कहा कि पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में जाए, मैंने पूरी तैयारी कर ली थी हरिद्वार जाने की। तभी मेरे एक परिचित ने डाक्टर ध्रुव मिश्र से मिलने का परामर्श दिया। उन्हें दिखाया तो पत्नी दर्द से तड़पने की स्थिति में ही थी।

उन्होंने पूरे आत्मविश्वास से कहा कि आप इन्हें अधिक से अधिक दो दिन तक एलोपैथिक पेन किलर पर रखेंगे, तीसरे दिन से हमारी दवाईयाँ असर दिखायेगी और पेन किलर नहीं लेना पड़ेगा। उनके द्वारा लिखी गई आयुर्वेद की दवाएँ और पंचकर्म की उनके द्वारा बताई गई विधियां आरंभ की। एलोपैथिक पेन किलर एक दिन ही देना पड़ा, अगले दिन से आराम होने लगा। लगभग 15 दिन में ही पत्नी चेतना अवस्था में अपना सामान्य आहार ले पा रही थी। तब मुझे पहले कराये गए एलोपैथिक इलाज की याद आयी जिसमे वह महीनों अचेत अवस्था में जैसी रही थी | डाक्टर ध्रुव मिश्र के चार माह के इलाज के उपरांत ही पत्नी पूर्ण स्वस्थ हो गई, जैसे कि वह दर्द उन्हें कभी हुआ ही नहीं था। आज मुझे डॉक्टर ध्रुव मिश्र जी का वह आत्मविश्वास से भरा कथन याद आता है कि “मात्र दो दिन ही एलोपैथिक पेन किलर का सपोर्ट लेना होगा तीसरे दिन से नहीं।” उनका यह कथन सत्य में परिणित हुआ। मेरी पत्नी को आरोग्य प्रदान कर मेरी गृहस्थी की गाड़ी को पुनः पटरी पर लाने के लिए डॉक्टर ध्रुव मिश्र जी का बारंबार धन्यवाद |

By करुणा शंकर